रविवार, 13 जून 2010

करने दो

कहने वाले कहा करेंगे, कहते हैं तो कहने दो
सुनने वाले सुना करेंगे, सुनते हैं तो सुनने दो
लिखने वाले लिखा करेंगे, लिखते हैं तो लिखने दो
पढ़ने वाले पढ़ा करेंगे, पढ़ते हैं तो पढ़ने दो
नदिया को इतना मत बाँधो, कुछ तो खुलकर बहने दो
ठहरो सपने देख रहा हूँ, अभी ख्वाब में उड़ने दो

3 टिप्‍पणियां:

  1. चाहे रखो मॉडरेशन, या फिर पुष्टिकरण का ऑप्शन रखो
    चेपने वाले चेपा करेंगे, पढ़कर या बिन पढ़े हुए भी.

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  2. karne do ati sunder yeh kahna anuchit na hoga ki diwakar ji aap anttogatwa sarukt bat hi kahte hai .jaisa ki aapne kha hai ki sapno mai urdne do sach hi hai sabko apne man ki karne ki azadi hai parne wale para karege aap ko to ji ki karne do.

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  3. धन्यवाद अंजू जी आपकी प्रतिक्रिया के लिए । विशेष रूप से तो इसके लिए कि चाट ब्लॉग जानते हुए भी आपने इसे धीरज से पढ़ा, और इसमें सार की बात भी ढूँढ़ ली । मेरी भी कोशिश है कि अगर बकवास की बातें करूँ तो उनमें सार की बात भी होनी चाहिए । सुनने वाले को धीरज का पुरस्कार भी होना चाहिए ।

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