एक बच्चे का बच्चे सा दिल बचकानी हरकत करता है
वह बच्चा वह हरकत दिल की दिखलाने में भी डरता है
जोर बहुत देते हैं सब कि जो दिल में है खोल के रख दो
लोग न समझेंगे इस कारण कुछ कह पाने में डरता है
कुछ बातें होती हैं जिन्हें कहने का मन होता है पर सामान्यतः किसी के काम की नहीं होतीं । आज के उपयोगितावादी युग में ऐसी अनुपयोगी बातों को कौन सुने । अगर कहने लगूँ तो वे लोग भी ऊब जाते हैं जिनसे बहुत सारी लाभकारी बातें की हों । सदा मैं ऐसा नहीं रह सकता कि केवल मतलब की बात करूँ । मैं किसी से ऐसी आशा कैसे रख सकता हूँ कि कोई केवल मेरी बकवास सुनने के लिए अपना समय खर्च करे । इसके लिए यह ब्लॉग बनाया है, जहाँ सामने बैठे सुनने वाले की ज़रूरत नहीं । फिर भी मनुष्य की अपनी महत्त्वपूर्ण जगह है ।
मंगलवार, 12 अप्रैल 2011
शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011
मत रोको खुद को
मुझे पता है कि बेकरार हो तुम भी मुझसे मिलने को ।
कुछ तो मजबूरियाँ और कुछ उसूल रोके हैं ॥
जो कुछ भी तुम्हें रोकता हो, डराता हो तुम्हें इसके लिए ।
छोड़ो उन्हें कह दो कि ये नज़रों के धोखे हैं ॥
बातें बहुत सी करेंगे लोग तुमको डराने धमकाने को ।
सोच लो ध्वनि तरंगें हैं या हवा के झोंके हैं ॥
नहीं डरना है तुमको हमको इन विघ्न बाधाओं से ।
दुनिया वाले तो अपनी पूरी ताकत झोंके हैं ॥
कुछ तो मजबूरियाँ और कुछ उसूल रोके हैं ॥
जो कुछ भी तुम्हें रोकता हो, डराता हो तुम्हें इसके लिए ।
छोड़ो उन्हें कह दो कि ये नज़रों के धोखे हैं ॥
बातें बहुत सी करेंगे लोग तुमको डराने धमकाने को ।
सोच लो ध्वनि तरंगें हैं या हवा के झोंके हैं ॥
नहीं डरना है तुमको हमको इन विघ्न बाधाओं से ।
दुनिया वाले तो अपनी पूरी ताकत झोंके हैं ॥
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