आलोक उलफ़त जी हम लोगों को सुना रहे थे -
दुनिया में आए हो तो कुछ ऐसा काम करो कदरदान
कि जिस गली से गुज़रो आवाज़ आए अब्बा जान ! अब्बा जान !
यहाँ घटना शेयर कर रहा हूँ, जो चुटकुला बन गया
तभी कुछ और लड़के उसी लॉन के पास आए
आलोक उलफ़त जी ने उनसे मुखातिब होकर ज़ोर से फ़िर कहा -
दुनिया में आए हो तो कुछ ऐसा काम करो कदरदान
वे लड़के प्रसंग नहीं जानते थे, और बोल पड़े -
वही तो करके आ रहे हैं....
दुनिया में आए हो तो कुछ ऐसा काम करो कदरदान
कि जिस गली से गुज़रो आवाज़ आए अब्बा जान ! अब्बा जान !
यहाँ घटना शेयर कर रहा हूँ, जो चुटकुला बन गया
तभी कुछ और लड़के उसी लॉन के पास आए
आलोक उलफ़त जी ने उनसे मुखातिब होकर ज़ोर से फ़िर कहा -
दुनिया में आए हो तो कुछ ऐसा काम करो कदरदान
वे लड़के प्रसंग नहीं जानते थे, और बोल पड़े -
वही तो करके आ रहे हैं....
लड़कों ने समझा होगा कि उन्हीं से कहा है या हो सकता है उन्होंने भी चुटकी ली हो।
जवाब देंहटाएंआपने लेबल दिया है सूक्ष्म चुटकुले................................सूक्ष्मदर्शी लेकर देखना पड़ेगा क्या?
जवाब देंहटाएंसूक्ष्म चुटकुले इसलिए लेबल दिया है कि ये चुटकुले काफ़ी छोटे हो सकते हैं, और इसलिए भी कि हमें ध्यान रहे कि इन्हें सूक्ष्म रखना है, नहीं तो अगर प्रवाह में लिखते गए तो सूक्ष्मता गायब हो सकती है ।
जवाब देंहटाएंऔर उस प्रसंग वाली बात । लड़के प्रसंग नहीं जानते थे । उनका मतलब यही रहा होगा कि हम महत्त्वपूर्ण काम करके आ रहे हैं - लेक्चर अटेंड करके, जहाँ अक्सर लोगों को जाने का मन नहीं करता था ।